बस एक स्पर्श काफी है
बदलने के लिए सब कुछ .
स्पर्श उस उषा की पहली किरण का ,
स्पर्श उन बारिश के छीटों का ,
हवा की भीनी ख़ुश्बू का ,
काश के अनुराग का ,
रुनित चहचहाहट के सुरों का ,
बस एक स्पर्श काफी है
गतानुगतिक जीवन में
सब कुछ बदलने के लिए…………
Bas ek sparsh kafi hai
badalne ke liye sab kuch.
Sparsh us usha ki pahli kiran ka,
sparsh un barish ke chheetoN ka,
hawa ki bheeni khushbu ka,
kaash ke anuraag ka,
runit chaha chahahat ke suroN ka,
bas ek sparsh kaafi hai
gatanugatik jeevan mein
sab kuch badalne ke liye
pic-courtesy
सही लिखा है...
ReplyDeleteजिसने इसे पत्थर बनाया...
abhaar
Deleteकोमलकान्त पदावली में भाषा का यह मधुरिम स्पर्श हत पंक्ति में रेशम -सी कोमलता लपेट गया । बहुत बधाई अपर्णा जी !! रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
ReplyDeleteइस उत्साहवर्धक सुन्दर टिप्पणी के लिए विनम्र आभार sir
Deleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
बहुत बहुत शुक्रिया
Deletekhoobsurat
ReplyDeletepower of touch....
ReplyDeleteThank you Praj
ReplyDeleteThanks a lot Arun Chandra Roy & Shushant Mojumdar
ReplyDeleteबहुत सुंदर .... एक स्पर्श ही काफी है जीवन को जीवंत रखने के लिए ...
ReplyDeleteसुन्दर टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद संगीता जी ....
Deleteखूबसूरत भाव से सजी .......सुन्दर
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया कौशल जी ...
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया रमाजय जी ..
Deletebahut khoobsurat ..
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार कविता जी ..
Deleteआपके उँगलियों के स्पर्श से बनी एक खूबसूरत कविता !
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत और भावमयी रचना...
ReplyDeleteविनम्र आभार कैलाश जी
Deleteबहुत सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteनई पोस्ट हम-तुम अकेले
बहुत बहुत शुक्रिया कालिपद जी ....
Deleteसुंदर!! मैंने भी कल ही इसी शीर्षक पर कुछ लिखा है :)
ReplyDelete!! प्रकाश का विस्तार हृदय आँगन छा गया !!
!! उत्साह उल्लास का पर्व देखो आ गया !!
दीपोत्सव की शुभकामनायें !!
बहुत सुन्दर ... धन्यवाद .आपको भी उत्सव की ढेर सारी शुभकामनाएं
Deleteप्रेम का एक स्पर्श ... जीवन भर के लिए काफी है .... बहुत खूब ...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार दिगंबर जी ...
Deletebeautiful composition !
ReplyDeleteThanks a lot for the appreciation Alka ...
Deleteआभार उपासना जी... सम्मानित
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