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Wednesday, October 30, 2013

SPARSH.... / स्पर्श …


बस एक स्पर्श काफी है
बदलने के लिए सब कुछ .
स्पर्श उस उषा की पहली किरण का ,
स्पर्श उन बारिश के छीटों का ,
हवा की भीनी ख़ुश्बू का ,
काश के अनुराग का ,
रुनित चहचहाहट के सुरों का ,
बस एक स्पर्श काफी है
गतानुगतिक जीवन में
सब कुछ बदलने के लिए…………




Bas ek sparsh kafi hai
badalne ke liye sab kuch.
Sparsh us usha ki pahli kiran ka,
sparsh un barish ke chheetoN ka,
hawa ki bheeni khushbu ka,
kaash ke anuraag ka,
runit chaha chahahat ke suroN ka,
bas ek sparsh kaafi hai
gatanugatik jeevan mein
sab kuch badalne ke liye






pic-courtesy
www.flickr.com 

30 comments:

  1. कोमलकान्त पदावली में भाषा का यह मधुरिम स्पर्श हत पंक्ति में रेशम -सी कोमलता लपेट गया । बहुत बधाई अपर्णा जी !! रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

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    1. इस उत्साहवर्धक सुन्दर टिप्पणी के लिए विनम्र आभार sir

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  2. बहुत ही बढ़िया


    सादर

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    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया

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  3. Thanks a lot Arun Chandra Roy & Shushant Mojumdar

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  4. बहुत सुंदर .... एक स्पर्श ही काफी है जीवन को जीवंत रखने के लिए ...

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    1. सुन्दर टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद संगीता जी ....

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  5. खूबसूरत भाव से सजी .......सुन्दर

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    1. बहुत बहुत शुक्रिया कौशल जी ...

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  6. Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया रमाजय जी ..

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  7. Replies
    1. आपका बहुत बहुत आभार कविता जी ..

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  8. आपके उँगलियों के स्पर्श से बनी एक खूबसूरत कविता !

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  9. बहुत ख़ूबसूरत और भावमयी रचना...

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    1. विनम्र आभार कैलाश जी

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  10. Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया कालिपद जी ....

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  11. सुंदर!! मैंने भी कल ही इसी शीर्षक पर कुछ लिखा है :)
    !! प्रकाश का विस्तार हृदय आँगन छा गया !!
    !! उत्साह उल्लास का पर्व देखो आ गया !!
    दीपोत्सव की शुभकामनायें !!

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    1. बहुत सुन्दर ... धन्यवाद .आपको भी उत्सव की ढेर सारी शुभकामनाएं

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  12. प्रेम का एक स्पर्श ... जीवन भर के लिए काफी है .... बहुत खूब ...

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    1. बहुत बहुत आभार दिगंबर जी ...

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  13. आभार उपासना जी... सम्मानित

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