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Tuesday, October 22, 2013

CHAAND… / चाँद …



Megh ki oat se
chaand aaj dekh raha hai
dharti saji hai
hari laal chudiyon se
solah shringaar mein
intzaar hai sadhwaon ko
chaand ke sahare ka
taki.....
Phir ek saal ke liye
nishchint ho jaye
unka priyatam, jankar ye
ki ek usi ke naam ka sindoor
rakha hai saja ke
ardhangini ne maang mein..........






मेघ की ओट से
चाँद आज देख रहा है 
धरती सजी है
हरी लाल चूड़ियों से
सोलह श्रृंगार में 
इंतज़ार है सधवाओं को
चाँद के सहारे का
ताकि.....
फिर एक साल के लिए
निश्चिंत हो जाए 
उनका प्रियतम, जानकर ये
कि एक उसी के नाम का सिंदूर
रखा है सजा के
अर्धांगिनी ने माँग में..........



pic courtesy - www.bloggersview.com


26 comments:

  1. waah bahut sunder ek suhagin ka sach

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  2. Replies
    1. प्रोत्साहन के लिए आभार Ashish ji

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  3. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति है अपर्णा

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    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया मामी....

      Delete
  4. बेहद खूबसूरत जज़्बात, सुन्दर शब्दों में। बहुत बहुत बधाई

    ReplyDelete
    Replies
    1. इस सुन्दर टिप्पणी के लिए आभार Abhishek ji

      Delete
  5. बेहद खूबसूरत जज़्बात, सुन्दर शब्दों में। बहुत बहुत बधाई

    ReplyDelete
  6. बहुत बढ़िया प्रस्तुति
    नई पोस्ट मैं

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार Kalipad ji

      Delete
  7. सुंदर प्रस्तुति , बधाई आपको ।

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    Replies
    1. बहुत बहुत आभार Annapurna ji...

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  8. बहुत सुन्दर अहसास...

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    Replies
    1. ब्लॉग पे आने का शुक्रिया Kailash ji..

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  9. wow mam.........vadiya bahut vadiya.............badhai

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  10. Explained feelings very well.
    Please visit my blog,"Unwarat.com"
    Vinnie

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  11. बहुत खुबसूरत प्रेम और करवा चौथ की अभिव्यक्ति !!

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  12. सुंदर प्रस्तुति .....

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  13. बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की इस प्रविष्टि की चर्चा शनिवार 26/10/2013 को बच्चों को अपना हक़ छोड़ना सिखाना चाहिए..( हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल : 035 )
    - पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर ....

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  14. सार्थक अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक आभार।

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