Megh ki oat se
chaand aaj dekh raha hai
dharti saji hai
hari laal chudiyon se
solah shringaar mein
intzaar hai sadhwaon ko
chaand ke sahare ka
taki.....
Phir ek saal ke liye
nishchint ho jaye
unka priyatam, jankar ye
ki ek usi ke naam ka sindoor
rakha hai saja ke
ardhangini ne maang mein..........
मेघ की ओट से
चाँद आज देख रहा है
धरती सजी है
हरी लाल चूड़ियों से
सोलह श्रृंगार में
इंतज़ार है सधवाओं को
चाँद के सहारे का
ताकि.....
फिर एक साल के लिए
निश्चिंत हो जाए
उनका प्रियतम, जानकर ये
कि एक उसी के नाम का सिंदूर
रखा है सजा के
अर्धांगिनी ने माँग में..........
pic courtesy -
waah bahut sunder ek suhagin ka sach
ReplyDeleteshukriya Jyoti ji
Deletesadhi hui prastuti .
ReplyDeleteप्रोत्साहन के लिए आभार Ashish ji
Deletesadhi hui prastuti .
ReplyDeleteबहुत सुंदर अभिव्यक्ति है अपर्णा
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया मामी....
Deleteबेहद खूबसूरत जज़्बात, सुन्दर शब्दों में। बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteइस सुन्दर टिप्पणी के लिए आभार Abhishek ji
Deleteबेहद खूबसूरत जज़्बात, सुन्दर शब्दों में। बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति
ReplyDeleteनई पोस्ट मैं
बहुत बहुत आभार Kalipad ji
Deleteसुंदर प्रस्तुति , बधाई आपको ।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार Annapurna ji...
Deleteबहुत सुन्दर अहसास...
ReplyDeleteब्लॉग पे आने का शुक्रिया Kailash ji..
Deletewow mam.........vadiya bahut vadiya.............badhai
ReplyDeletethanks a lot Jyoti ji
DeleteExplained feelings very well.
ReplyDeletePlease visit my blog,"Unwarat.com"
Vinnie
thanks a lot
Deleteबहुत खुबसूरत प्रेम और करवा चौथ की अभिव्यक्ति !!
ReplyDeleteAbhaar Ranjana ji..
Deleteसुंदर प्रस्तुति .....
ReplyDeleteshukriya Kaushal ji
Deleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आप की इस प्रविष्टि की चर्चा शनिवार 26/10/2013 को बच्चों को अपना हक़ छोड़ना सिखाना चाहिए..( हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल : 035 )
- पर लिंक की गयी है , ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया पधारें, सादर ....
सार्थक अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक आभार।
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