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Tuesday, October 01, 2013

KUCH PAL BEFIKRI KE … / कुछ पल बेफिक्री के.…



Samay
jab tum godhuli the
surya digant paar doob raha tha
chandrama prastuti le raha tha
rohitaksh sa aasmaan
roudra nahin
manoram lag raha tha

Samay
us kshan
maine maanga tha tumse
lalit laal ka laal
doobte hue surya ka rang
chaand ka pratibimb

rakhti sanjo ke
ek lifafe mein
kharch karti hisab se
kuch pal befikri ke
kharidne mein........






समय
जब तुम गोधुली थे
सूर्य दिगंत पार डूब रहा था
चंद्रमा प्रस्तुति ले रहा था
रोहिताक्ष सा आसमान
रौद्र नहीं
मनोरम लग रहा था

समय
उस क्षण
मैने माँगा था तुमसे
ललित लाल का लाल
डूबते हुए सूर्य का रंग
चाँद का प्रतिबिंब

रखती सॅंजो के
एक लिफाफे में
खर्च करती हिसाब से
कुछ पल बेफिक्री के
खरीदने में........




Text- Aparna Bose pic courtesy-
www.snehendukarucla.com 

32 comments:

  1. बहुत सुन्दर संध्या छटा बिखेरती हुई, सुन्दर माँग की आपने।
    बहुत सुन्दर

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    Replies
    1. सराहना के लिए बहुत बहुत शुक्रिया अभिषेक जी

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  2. wahhh bahut sundar ..befikri ke chhan jo gum hai kahi duniya ki bhid me .. badhayi :)

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    Replies
    1. खासकर हम जैसे सांसारिक लोगों के लिए जो प्रतिदिन किसी न किसी समस्या से जूझते रहते हैं। ब्लॉग पे आने का बहुत बहुत शुक्रिया

      Delete
  3. बहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति...

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    Replies
    1. बहुत बहुत आभार कैलाशजी।

      Delete
  4. समय
    जब तुम गोधुली थे
    सूर्य दिगंत पार डूब रहा था
    चंद्रमा प्रस्तुति ले रहा था
    रोहिताक्ष सा आसमान
    रौद्र नहीं
    मनोरम लग रहा था---गोधुली का बहुत सुन्दर चित्रण
    नवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !
    नई पोस्ट साधू या शैतान

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    Replies
    1. उत्साहवर्धन का दिल से शुक्रिया कालीपद जी

      Delete
  5. आपकी लिखी रचना की ये चन्द पंक्तियाँ.........
    रखती सॅंजो के
    एक लिफाफे में
    खर्च करती हिसाब से
    कुछ पल बेफिक्री के
    खरीदने में........

    बुधवार 02/10/2013 को
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    को आलोकित करेगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!

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    Replies
    1. सम्मानित। सहर्ष आभार यशोदा जी….

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  6. सिन्दूरी संध्या से सुन्दर मांग बेफिक्री के पलों की … बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएँ…

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    Replies
    1. इस पोस्ट की सराहना के लिए तहे दिल से शुक्रिया संध्या जी….

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  7. बहुत ही बढ़िया


    सादर

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    Replies
    1. बहुत बहुत शुक्रिया प्रोत्साहन का यशवंत

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  8. The last staanza i tried to comprehend but due to poor hindi could not get it but later felt your "Anubhuti" feelings. If possible may pls tell me the meaning of the last stanza.

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  9. Kuch pal befikrike
    Samay jab tum godhuli the

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  10. Kuchh pal befikrike
    very nice poam
    Samay jab tum godhuli the

    ReplyDelete
  11. Kuch pal befikrike
    Samay jab tum godhuli the

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  12. सुन्दर पंक्तियाँ

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    Replies
    1. बहुत बहुत आभार… सम्मानित

      Delete
  13. सम्मानित। बहुत बहुत आभार

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  14. इस रचना को पसंद करने के लिए सम्मानित। सुषमा जी आगे भी आते रहिएगा

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  15. आपकी इस सुन्दर रचना को "http://hindibloggerscaupala.blogspot.com/"> {शुक्रवार} 4/10/2013 पर शामिल किया गया हैं कृपया अवलोकनार्थ पधारे

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  16. very well written.
    Please visit my Blog unwarat.com & read its latest story& give your comments.
    Vinnie

    ReplyDelete
    Replies
    1. will surely visit your blog.. thank you for the appreciation

      Delete
  17. Please express your ideas.












    Please give your comments.
    Vinnie


    ReplyDelete
  18. रेनू जी ब्लॉग पे आने का तहे दिल से शुक्रिया

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