Samay
jab tum godhuli the
surya digant paar doob raha tha
chandrama prastuti le raha tha
rohitaksh sa aasmaan
roudra nahin
manoram lag raha tha
Samay
us kshan
maine maanga tha tumse
lalit laal ka laal
doobte hue surya ka rang
chaand ka pratibimb
rakhti sanjo ke
ek lifafe mein
kharch karti hisab se
kuch pal befikri ke
kharidne mein........
समय
जब तुम गोधुली थे
सूर्य दिगंत पार डूब रहा था
चंद्रमा प्रस्तुति ले रहा था
रोहिताक्ष सा आसमान
रौद्र नहीं
मनोरम लग रहा था
समय
उस क्षण
मैने माँगा था तुमसे
ललित लाल का लाल
डूबते हुए सूर्य का रंग
चाँद का प्रतिबिंब
रखती सॅंजो के
एक लिफाफे में
खर्च करती हिसाब से
कुछ पल बेफिक्री के
खरीदने में........
Text- Aparna Bose pic courtesy-
www.snehendukarucla.com
बहुत सुन्दर संध्या छटा बिखेरती हुई, सुन्दर माँग की आपने।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
सराहना के लिए बहुत बहुत शुक्रिया अभिषेक जी
Deletewahhh bahut sundar ..befikri ke chhan jo gum hai kahi duniya ki bhid me .. badhayi :)
ReplyDeleteखासकर हम जैसे सांसारिक लोगों के लिए जो प्रतिदिन किसी न किसी समस्या से जूझते रहते हैं। ब्लॉग पे आने का बहुत बहुत शुक्रिया
Deleteबहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार कैलाशजी।
Deleteसमय
ReplyDeleteजब तुम गोधुली थे
सूर्य दिगंत पार डूब रहा था
चंद्रमा प्रस्तुति ले रहा था
रोहिताक्ष सा आसमान
रौद्र नहीं
मनोरम लग रहा था---गोधुली का बहुत सुन्दर चित्रण
नवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !
नई पोस्ट साधू या शैतान
उत्साहवर्धन का दिल से शुक्रिया कालीपद जी
Deleteआपकी लिखी रचना की ये चन्द पंक्तियाँ.........
ReplyDeleteरखती सॅंजो के
एक लिफाफे में
खर्च करती हिसाब से
कुछ पल बेफिक्री के
खरीदने में........
बुधवार 02/10/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
को आलोकित करेगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!
सम्मानित। सहर्ष आभार यशोदा जी….
Deleteसिन्दूरी संध्या से सुन्दर मांग बेफिक्री के पलों की … बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएँ…
ReplyDeleteइस पोस्ट की सराहना के लिए तहे दिल से शुक्रिया संध्या जी….
Deleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
बहुत बहुत शुक्रिया प्रोत्साहन का यशवंत
DeleteThe last staanza i tried to comprehend but due to poor hindi could not get it but later felt your "Anubhuti" feelings. If possible may pls tell me the meaning of the last stanza.
ReplyDeleteKuch pal befikrike
ReplyDeleteSamay jab tum godhuli the
Kuchh pal befikrike
ReplyDeletevery nice poam
Samay jab tum godhuli the
Kuch pal befikrike
ReplyDeleteSamay jab tum godhuli the
सुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार… सम्मानित
Deletekhoob hain
ReplyDeleteThank you for the appreciation
Deleteसम्मानित। बहुत बहुत आभार
ReplyDeleteइस रचना को पसंद करने के लिए सम्मानित। सुषमा जी आगे भी आते रहिएगा
ReplyDeleteआपकी इस सुन्दर रचना को "http://hindibloggerscaupala.blogspot.com/"> {शुक्रवार} 4/10/2013 पर शामिल किया गया हैं कृपया अवलोकनार्थ पधारे
ReplyDeletebohat bohat shukriya is samman ke liye
Deletevery well written.
ReplyDeletePlease visit my Blog unwarat.com & read its latest story& give your comments.
Vinnie
will surely visit your blog.. thank you for the appreciation
Deleteshukriya
ReplyDeletePlease express your ideas.
ReplyDeletePlease give your comments.
Vinnie
very nice. bahut ache
ReplyDeleteरेनू जी ब्लॉग पे आने का तहे दिल से शुक्रिया
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