My blog is a composition of endless and wavering thoughts that preoccupies me.This is an attempt to weave the ethereal mind and bring out the lyrics and rhythm in it. My blog is also an extension of my persona and reinstates my belief in the magic of manifestation. It is a medium through which I try to express my gratitude to the universe for another innings ...
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Friday, April 25, 2014
BAS KAH DIYA …/ बस कह दिया …
Raat guzar gayi aur humein maloom nahin
khwabon ke rahguzar se aur humein maloom nahin.......
Hum saans to lete rahe har pal
kyon lete rahe humein maloom nahin.......
Ek nazm likhne ki koshish jo ki humne
dil safe par kab utra humein maloom nahin...
Saaz hathon mein thaam toh liya humne
raag koun sa chereN humein maloom nahin....
Bas kah diya ki tum jaan ho meri
kyun kaha, humein maloom nahin......
रात गुज़र गयी और हमें मालूम नहीं
ख़्वाबों के रहगुज़र से और हमें मालूम नहीं.......
हम साँस तो लेते रहे हर पल
क्यों लेते रहे हमें मालूम नहीं.......
एक नज़्म लिखने की कोशिश जो की हमने
दिल सफ़े पर कब उतरा हमें मालूम नहीं...
साज़ हाथों में थाम तो लिया हमने
राग कौन सा छेड़ें हमें मालूम नहीं....
बस कह दिया की तुम जान हो मेरी
क्यूँ कहा हमें मालूम नहीं ……
Labels:
HINDI / URDU COMPOSITIONS,
HINDI POETRY
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आपकी शुक्रगुज़ार हूँ यशोदा जी…
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeletethanks dear
Deleteवाह बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार अंजू जी
Deleteमन के जज़्बातों को शब्दों से आपने सजीव वर्णन किय है
ReplyDeleteख़ूबसूरत अभिव्यक्ति आदरणीया।
एक नज़र :- हालात-ए-बयाँ : ''भोलू का भोलापन''
तहे दिल से शुक्रिया प्रोत्साहन के लिए
Deleteबस कह दिया की तुम जान हो मेरी
ReplyDeleteक्यूँ कहा हमें मालूम नहीं ……bahut bahut sundar
उपासना जी शुक्रिया
Deleteवाह ! बहुत सुंदर !
ReplyDeleteदिल को छू गयी आपकी गज़ल
कब छू गयी हमें मालूम नहीं !
हौसला अफज़ाई के लिए शुक्रगुज़ार हूँ
Deleteहम साँस तो लेते रहे हर पल
ReplyDeleteक्यों लेते रहे हमें मालूम नहीं.....
...वाह...बहुत खूब...
कैलाश जी धन्यवाद इस प्रतिक्रिया के लिए
Deleteati sunder, shubhkamnaye
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
DeleteHum saans to lete rahe har pal
ReplyDeletekyon lete rahe humein maloom nahin.
Bahut khoobsurat. Nazm hai
सराहना के लिए आभार रीता जी
DeleteBas kah diya bahut khoobsurat nazm hai.
ReplyDeleteHad to say it in Hindi keeping the words in mind :)
thats very sweet of you … thanks Rachna :)
Deleteसुंदर रचना..ब्लॉग पर आके अच्छा लगा आपके।। अच्छा लिखती हैं....
ReplyDeleteहौसला अफज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया अंकुर जी
Deleteवाह !
ReplyDeleteशुक्रगुज़ार हूँ
Delete"क्यूँ कहा हमें मालूम नही" .... क्या बात है, बहुत खूब
ReplyDeleteमीनाजी समय निकालकर ब्लॉग पे आने का शुक्रिया
Deleteजो कह दिया, वो सही किया .......... :)
ReplyDeleteबहुत सुंदर !!
सराहना के लिए बहुत बहुत शुक्रिया मुकेश जी
Deleteखूबशूरत रचना
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया
Deleteसचमुच हर सवाल का जवाब नहीं होता...सुंदर रचना !
ReplyDeleteटिप्पणी के लिए शुक्रगुज़ार हूँ अनीता जी…
Deleteवाह बहुत खूब
ReplyDeleteअंजू जी तहे दिल से आभार
DeleteA very nice read Aparna. Well written.
ReplyDeleteThank you Indrani. Really appreciate
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