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Wednesday, April 24, 2013

HAIKU / हाइकू ..........

निर्झरा हूँ  मैं
अस्थिर धारा तुम 
नया सृजन ...........
Nirjhara hoon main
asthir dhaaraa tum
naya srijan ............





शब्द सरिता
चंचल अविकल
लिखे कविता .........
shabd sarita
chanchal, avikal
likhe kavita ...........





टूटता तारा
मन्नत में तुम हो
हमेशा थे,हो ....
toot ta tara
mannat mein tum ho
hamesha the,ho...







है अर्धचंद्र
अम्बर पे , खिला - सा
आधा दिल में ...........
hai ardhchandra
ambar pe khila-sa
adhaa dil mein........






मैंने पिरोये
ताने- बाने ,सपने
कविता नहीं .............
maine piroye
taane-baane, sapne
kavita nahin.............

13 comments:

  1. शुक्रिया आप दोनों का ( यशवंत जी & अशोक जी ).........

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  2. यशवंत जी नयी पुरानी हलचल मैं नियमित रूप से विज़िट करती हूँ ...लिंक करने के लिए धन्यवाद

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  3. अपर्णा जी आपका हाइकु का यह प्रयास बहुत अच्छा है । हाइकु के लिए यहाँ भी देखिएगा-http://hindihaiku.wordpress.com/
    यहाँ पर हाइकु की 655 पोस्ट , 196 रचनाकार और 6877 हाइकु मौज़ूद हैं। विश्व के 88 देशों में देखा गया है। रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'rdkamboj@gmail.com

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  4. जी शुक्रिया रामेश्वर जी ....wordpress ज़रूर visit करूँगी
    सादर

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  5. बहुत पसंद आया हाइकू ................

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  6. प्रशंसा के लिए धन्यवाद Dr.Sandhya Tiwari जी ....आते रहिएगा हमारे blog पे...

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  7. धन्यवाद सुमन जी ... :)

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