Suljhata gaya wo ganthein
chhoti-badi, asaan-mushkil
aharnish, vishramheen
kuchh haan ka taana
kuchh na ka baana
taane baane mein ulajhti saansein
Bunta gaya wo ratein
bahas wali, prem wali
kabhi reshmi, kabhi suti
kuchh neend ka taana
kuchh khwabon ka baana
taane baane mein ulajhti saansein
Karta gaya wo khat-khat
kya dhoop kya baarish
kargha uska muskurata raha
kuchh paane ka taana
kuchh khone ka baana
taane baane mein ulajhti saansein
सुलझाता गया वो गाँठें
छोटी-बड़ी, आसान-मुश्किल
अहर्निश, विश्रामहीन
कुछ हाँ का ताना
कुछ ना का बाना
ताने बाने में उलझती साँसें
बुनता गया वो रातें
बहस वाली, प्रेम वाली
कभी रेशमी, कभी सूती
कुछ नींद का ताना
कुछ ख़्वाबों का बाना
ताने बाने में उलझती साँसें
करता गया वो खट-खट
क्या धूप क्या बारिश
करघा उसका मुस्कुराता रहा
कुछ पाने का ताना
कुछ खोने का बाना
ताने बाने में उलझती साँसें
text- Aparna Bose
www.dreamstime.com
कुछ पाने का ताना
ReplyDeleteकुछ खोने का बाना
ताने बाने में उलझती साँसें
यही तो है जिंदगी का सच ---बहुत सुन्दर प्रस्तुति
latest post नसीहत
आभार कालीपद जी
Deleteताने बाने में उलझती साँसें....ब्यूटीफल..!
ReplyDeleteशुक्रिया
Deleteसुन्दर और सत्य को दर्शाती आपका ये ''ताना-बाना''
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर पिरोया है आपने, अपने जज्बातों और ख्यालातों को सम्मानित ''अपर्णा'' जी।
बधाई
इस सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत शुक्रिया अभिषेक जी
Deleteआपकी लिखी रचना की
ReplyDeleteसुलझाता गया वो गाँठें
छोटी-बड़ी, आसान-मुश्किल
अहर्निश, विश्रामहीन
कुछ हाँ का ताना
कुछ ना का बाना
ताने बाने में उलझती साँसें
ये पंक्तियाँ लिंक सहित
शनिवार 28/09/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
को आलोकित करेगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!
सहर्ष आभार यशोदा जी
DeleteYou are right.
ReplyDeleteVinnie
Thanku for reading this Vinnie ji
Deleteबुनता गया वो रातें
ReplyDeleteबहस वाली, प्रेम वाली
कभी रेशमी, कभी सूती
कुछ नींद का ताना
कुछ ख़्वाबों का बाना
ताने बाने में उलझती साँसें........वाह….........सुन्दर
Lovely !
ReplyDeleteThank you for stopping by Ananya ...
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteशुक्रिया उपासना जी…
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