Ik lamha jo guzar gaya
kis raah gaya, kyon gaya?
Raahgeer hai kis manzil ka?
Muskurata hua gaya ki
berukhi mein dooba hua
Anmana sa ya kuchh badbadata hua
Bada beadab tha, ruka nahin
JabiN ke shikan ko dekha tak nahin
Lamha tha bas guzar gaya
Kuch harfon ko
apne saath le gaya
Lamha tha, bas guzar gaya....
इक लम्हा जो गुज़र गया
किस राह गया, क्यों गया?
राहगीर है किस मंज़िल का?
मुस्कुराता हुआ गया की
बेरूख़ी में डूबा हुआ
अनमना सा या कुछ बड़बड़ाता हुआ
बड़ा बेअदब था, रुका नहीं
जबीं के शिकन को देखा तक नहीं
लम्हा था बस गुज़र गया
कुछ हर्फ़ों को
अपने साथ ले गया
लम्हा था, बस गुज़र गया....
PIC- melissagalt.com
TEXT- APARNA BOSE
bahut khub kaha aparna
ReplyDeleteशुक्रिया अलकनंदा जी
Deleteवाह! बहुत सुन्दर और सशक्त रचना....
ReplyDeleteआभार कैलाश जी
Deleteबहुत अच्छी प्रस्तुति |
ReplyDeleteआशा
आभार आशा दी
Deleteलम्हा खुद में मगन चला गया .....
ReplyDeleteटिप्पणी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया कौशल जी
Deletekhub acha likhaa aap ne.
DeleteVinnie
Vinnie ji issi tarah utsaah dete rahiyega...
DeleteSaadar
बहुत बढ़िया ..
ReplyDeleteabhaar Upasana ji.. site join karne ke liye bohat bohat shukriya
Delete...And the time passes and it leaves memories to cherish. Lovely poem, Aparna.
ReplyDeleteThank you for the lovely comment Saru..much appreciated
DeleteBeautiful lines with deeper meaning :)
ReplyDeleteThank you for the kind words Noopur
DeleteLovely lines..:-)
ReplyDeletethank you for the appreciation
Deleteसुंदर..भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteManjushaji ..dil se abhaar
Deletewah wah , bahut khoob
ReplyDeletebohat bohat shukriya aapka
Deleteसुन्दर।
ReplyDeleteशुक्रिया नीरज जी
Deleteवाह! बहुत सुन्दर और सशक्त रचना...
ReplyDeleteआभार संजय जी
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना बधाई
ReplyDeleteलम्हा आता है गुजर जाने के लिए .....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteगणपति वन्दना (चोका )
हमारे रक्षक हैं पेड़ !