My blog is a composition of endless and wavering thoughts that preoccupies me.This is an attempt to weave the ethereal mind and bring out the lyrics and rhythm in it.
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Sunday, February 09, 2014
HAI INTEZAAR..../ है इंतज़ार....
Hai intezaar un barishon ka jab geele harf nagmein gungunayenge
Hai intezaar un boondon ka jab sondhi khushbu ayegi khwaabon se....
है इंतज़ार उन बारिशों का जब गीले हर्फ़ नग्में गुनगुनायेंगे
है इंतज़ार उन बूंदों का जब सोंधी ख़ुशबू आयेगी ख़्वाबों से.....
है इंतज़ार उन बारिशों का जब गीले हर्फ़ नग्में गुनगुनायेंगे है इंतज़ार उन बूंदों का जब सोंधी ख़ुशबू आयेगी ख़्वाबों से ………… बहुत ही सुन्दर और उत्कृष्ट परिकल्पना की आपने इन अपनी पंक्तियों में आदरणीय ''अपर्णा'' जी। आज के इस दौर में एक सुखद वक़्त की कामना बहुत ज़रूरी है और साथ ही क़लमकारों और साहित्यकारों का दायित्व भी कि वो सकारत्मक सोच को व्यक्त करें, जिस से पढ़ने वालों का मनोवल बढे फिर वो उसी तरफ क़दम बढ़ाये। आपकी इन दो पंक्तियों में जो विम्ब के माध्यम से आपने कामना और अभिलाषा दर्शायी है। क़ाबिले तारीफ़ है। आपको बहुत बहुत बधाई सादर
है इंतज़ार उन बारिशों का जब गीले हर्फ़ नग्में गुनगुनायेंगे है इंतज़ार उन बूंदों का जब सोंधी ख़ुशबू आयेगी ख़्वाबों से ………… बहुत ही सुन्दर और उत्कृष्ट परिकल्पना की आपने इन अपनी पंक्तियों में आदरणीय ''अपर्णा'' जी। आज के इस दौर में एक सुखद वक़्त की कामना बहुत ज़रूरी है और साथ ही क़लमकारों और साहित्यकारों का दायित्व भी कि वो सकारत्मक सोच को व्यक्त करें, जिस से पढ़ने वालों का मनोवल बढे फिर वो उसी तरफ क़दम बढ़ाये। आपकी इन दो पंक्तियों में जो विम्ब के माध्यम से आपने कामना और अभिलाषा दर्शायी है। क़ाबिले तारीफ़ है। आपको बहुत बहुत बधाई सादर
अच्छी लाइन है...
ReplyDeleteख़्वाब कागज़ पे लिखे हर्फ हैं शायद सुन लो
जो हक़ीक़त की हो बारिश तो ये गल जाते हैं!
हर किसी के हर्फ एक जैसे से कहाँ होते हैं
Deleteगलने वाले हर्फ कुछ लोग ही लिखा करते हैं :)
बेहतरीन…बहुत बहुत शुक्रिया प्रतिक्रिया के लिए
ReplyDeleteहै इंतज़ार उन बारिशों का जब गीले हर्फ़ नग्में गुनगुनायेंगे
ReplyDeleteहै इंतज़ार उन बूंदों का जब सोंधी ख़ुशबू आयेगी ख़्वाबों से
………… बहुत ही सुन्दर और उत्कृष्ट परिकल्पना की आपने इन अपनी पंक्तियों में आदरणीय ''अपर्णा'' जी।
आज के इस दौर में एक सुखद वक़्त की कामना बहुत ज़रूरी है और साथ ही क़लमकारों और साहित्यकारों का दायित्व भी कि वो सकारत्मक सोच को व्यक्त करें, जिस से पढ़ने वालों का मनोवल बढे फिर वो उसी तरफ क़दम बढ़ाये।
आपकी इन दो पंक्तियों में जो विम्ब के माध्यम से आपने कामना और अभिलाषा दर्शायी है। क़ाबिले तारीफ़ है।
आपको बहुत बहुत बधाई
सादर
है इंतज़ार उन बारिशों का जब गीले हर्फ़ नग्में गुनगुनायेंगे
ReplyDeleteहै इंतज़ार उन बूंदों का जब सोंधी ख़ुशबू आयेगी ख़्वाबों से
………… बहुत ही सुन्दर और उत्कृष्ट परिकल्पना की आपने इन अपनी पंक्तियों में आदरणीय ''अपर्णा'' जी।
आज के इस दौर में एक सुखद वक़्त की कामना बहुत ज़रूरी है और साथ ही क़लमकारों और साहित्यकारों का दायित्व भी कि वो सकारत्मक सोच को व्यक्त करें, जिस से पढ़ने वालों का मनोवल बढे फिर वो उसी तरफ क़दम बढ़ाये।
आपकी इन दो पंक्तियों में जो विम्ब के माध्यम से आपने कामना और अभिलाषा दर्शायी है। क़ाबिले तारीफ़ है।
आपको बहुत बहुत बधाई
सादर
housla afzai ka bohat bohat shukriya Abhishekji
Deleteबहुत सुंदर :)
ReplyDeleteआभार सुशील जी
Deletebahut khoobsurat .
ReplyDelete.http://kahanikahani27.blogspot.in/2014/02/blog-post.html?showComment=1392024464180#c2120179666871214249
दिल से आभार कविता जी
Deleteबहुत बढ़िया .....
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया रंजना जी
DeleteBahut sundar. Harf is such a beautiful word, Aparna :)
ReplyDeletethanks a ton buddy...glad that u liked it
Deleteवाह...बहुत सुन्दर और प्रभावी....
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार कैलाश जी
Deleteआमीन ! जल्द आयें वे बारिशें और सोंधी सी खुशबू...
ReplyDeleteजी दिल से पुकारने की ज़रुरत है और आप जैसे गुणी जनों का साथ अनीता जी
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत ही प्रशसनीय प्रस्तुति। मेरा मनोबल बढाने के लिए मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteजी ज़रूर देखूंगी आपका ब्लॉग। ब्लॉग पे आने का शुक्रिया
Deleteबहुत ही प्रशसनीय प्रस्तुति। मेरा मनोबल बढाने के लिए मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteB hut sunder,
ReplyDeleteVinnie,Please visit my blog Unwarat.com & give your ideas how you felt?
Love you,
Vinnie
बहुत बहुत शुक्रिया विन्नी जी। whenever i get time i visit your blog vinnie ji
Deleteबेहद खूबसूरत पंक्तियां
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