Woh adhi cup coffee,
thali mein rakhi adhi roti,
woh kuchh aloo ke tukde,
adhi katori daal aur dahi,
adha sa chocolate,
is adhe pyar ko samet te samet te
main kab poori ho gayi ,
pataa nahin....
वो आधी कप कॉफी,
थाली में रखी आधी रोटी,
वो कुछ आलू के टुकड़े,
आधी कटोरी दाल और दही,
आधा सा चॉकलेट ,
इस आधे प्यार को समेटते समेटते,
मैं कब पूरी हो गयी,
पता नहीं……
pic courtesy- www.reikiflow.net
Quite nice! Like the deeper thought of "wholeness" behind it.
ReplyDeleteBeauty Interprets, Expresses, Manifests the Eternal
glad that you liked it Beloo
Deleteबहुत सुंदर !
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया सुशील जी
Deleteबहुत ही बढ़िया !
ReplyDeleteसादर
प्रोत्साहन के लिए शुक्रगुज़ार हूँ यशवंत जी
Deleteआभार दिग्विजय जी
ReplyDeleteबहुत सुंदर पंक्तियाँ
ReplyDeleteशुक्रगुजार हूँ ओंकार जी
Deleteपूर्णता प्राप्त करना ही तो जीवन का लक्ष्य है ........बहुत् सुन्दर उक्ति !
ReplyDeleteNew post मोदी सरकार की प्रथामिकता क्या है ?
new post ग्रीष्म ऋतू !
इस मूल्यवान प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद कालीपद जी
Deleteप्यार ऐसे ही परिपूर्ण होता है
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया
साभार !
सहर्ष आभार शिवनाथ जी
Deleteआधा आधा बाँट लें तो पूरा हो जाता है।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर आशा जी।
Deleteतहे दिल से शुक्रिया इस सम्मान के लिए अभिषेक।
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