Mohpash mein jakda hua ho jaise,
mera woh hissa,
jo tyag nahin kar paya,
na, balki tyag nahin karna chahta
atishyokti ka vyavahar, mithya adambar.
Jeena chahta hai isi tarah,
mere us hisse ko kuchalkar
jo rahna chahta hai
vastav ke paridhi mein
saadgi ka daaman pakadkar.
Do hisson mein banta mera astitva,
maan-abhimaan ke chakravyuh se
nikalne ki raah
nahin dhoond paya
rah gaya prashnachinhon ke jaal mein ulajhkar.
Prashnachinha!! haan, saikdon.
Jahan tak nazar jaye wahan tak.
Do hisson mein vibhajit main,
shayad rahoongi aajanm
isi bhoolbhulaiya mein ulajhkar.
मोहपाश में जकड़ा हुआ हो जैसे,
मेरा वह हिस्सा,
मेरा वह हिस्सा,
जो त्याग नहीं कर पाया,
न, बल्कि त्याग नहीं करना चाहता
अतिशयोक्ति का व्यवहार, मिथ्या आडंबर.
जीना चाहता है इसी तरह,
मेरे उस हिस्से को कुचलकर
जो रहना चाहता है
वास्तव के परिधि में
सादगी का दामन पकड़कर.
दो हिस्सों में बँटा मेरा अस्तित्व,
मान-अभिमान के चक्रव्यूह से
निकलने की राह
नहीं ढूँढ पाया
रह गया प्रश्नचिन्हों के जाल में उलझकर.
प्रश्नचिन्ह!! हाँ, सैकड़ों.
जहाँ तक नज़र जाए वहाँ तक.
दो हिस्सों में विभाजित मैं,
शायद रहूँगी आजन्म
इसी भूलभुलैया में उलझकर.
pic courtesy
Very nice!
ReplyDeleteVinnie
शुक्रिया विन्नी जी।
Deleteनववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऐं-
दो हिस्सों में बँटा मेरा अस्तित्व,
ReplyDeleteमान-अभिमान के चक्रव्यूह से
निकलने की राह
नहीं ढूँढ पाया
रह गया प्रश्नचिन्हों के जाल में उलझकर.
प्रश्नचिन्ह!! हाँ, सैकड़ों.
जहाँ तक नज़र जाए वहाँ तक.
दो हिस्सों में विभाजित मैं,
शायद रहूँगी आजन्म
इसी भूलभुलैया में उलझकर
शायद "जिंदगी " इसी भूलभुलैया का नाम है ---बहुत गहरा भाव
नया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
नई पोस्ट सर्दी का मौसम!
नई पोस्ट विचित्र प्रकृति
बहुत बहुत धन्यवाद। आपको भी नववर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं
Deleteप्रशंसनीय
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार आपका राकेश जी
Deleteबहुत बहुत आभार आपका ज्योति जी।
ReplyDeleteआपको भी नए साल की ढेर सारी शुभकामनाएं
आपको एवं आपके परिवार को भी नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाऐं यशवंत।
ReplyDeleteलिंक साँझा करने के लिए सहर्ष आभार
हृदय में उठते अंतर्द्वंद्व को सटीक सशक्त अभिव्यक्ति दी है ! बधाई अपर्णा जी !
ReplyDelete