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Wednesday, May 01, 2013

HAR FIKR KO DHUEIN MEIN UDATA CHALA GAYA .../ हर फ़िक्र को धुँए में उड़ाता चला गया ...




Kolkata mein nayi sarkar ke ate hi niyam banaya gaya ki har traffic signal pe Gurudev Rabindranath Tagore ke geet bajaye jayenge ,public address system ke liye jo loudspeaker lagaye gaye hain unse ...uddeshya ye ki rahgeeron ko tatha thake- hare pareshaan vahanchalakon ko thodi rahat milegi...nek khayal...dhanya ho ye gana select karne wale...dhajjiyaan udake rakh di gurudev ki......barsaat mein garmi ka, chait ke mahine mein baisakhi ka....sawan  mein sharad kal ka....kisi janemane hasti ki mrityu pe harshollas ka gana... .ityadi...
Jab ye bhi sah liya janata ne to ab sarkar kahti hai cigarette pijiye taki tax ke paise se Sharadha group walon ka kuchh bhala ho jaye....Khush hain bande...gharwale mana karein bhi to kaise !! Rajya ke sarvochcha neta ne hami bhari hai ab to... loudspeaker kharab ho gaye hain , aur Guru Rabindranath ji ne bhi cigarette jaise vishay par koi kavita nahin likhi...geet nahi racha ...
Ab to har traffic signal pe 'Hum Dono'  ka ye gana bajna chahiye 'Main zindagi ka saath nibhata chala gaya...Har fikr ko dhuein mein udata chala gaya'...

कोलकाता  में नयी सरकार के आते ही नियम बनाया गया कि हर ट्रैफिक सिग्नल पे गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर के गीत बजाये जायेंगे  ...public address system के लिए जो loudspeaker लगाये गए हैं उनसे ....उद्देश्य ये की राहगीरों को तथा थके-हारे परेशान वाहनचालकों को थोड़ी राहत मिलेगी ....नेक ख़याल ....पर धन्य हों ये गाना select करने वाले ......धज्जियां उड़ाके  रख दी गुरुदेव की ...बरसात में गर्मी का ...चैत के महीने में बैसाखी का ....सावन में शरद काल का  ....किसी जानेमाने हस्ती की मृत्यु पे हर्षोल्लास का गाना इत्यादि .......
जब ये भी सह लिया जनता ने तो अब सरकार कहती है सिगरेट पीजिये ताकि टैक्स के पैसे से  Sharadha group वालों का कुछ भला हो जाये ...खुश हैं बन्दे ....घरवाले मना करें भी तो कैसे !! राज्य के सर्वोच्च नेता ने हामी भारी है अब तो ........loudspeaker खराब हो गए हैं , और गुरुदेव ने सिगरेट जैसे विषय पर कोई कविता नहीं लिखी ...कोई गीत नहीं रचा .....
अब तो हर ट्राफिक सिग्नल पे 'हम दोनों ' का  ये गाना बजना चाहिए -
'मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया ...
हर फ़िक्र को धुँए में उड़ाता चला गया '.....

(image courtesy- google)

8 comments:

  1. 'मैं ज़िन्दगी का साथ निभाता चला गया
    हर फ़िक्र को धुँए में उड़ाता चला गया '.....वाह जी क्या बात , बहुत अच्छा व्यंग्य है

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  2. उपहास व्यंग्य और कडवाहट है सरकार के प्रति। सरकारे तो हमेशा मुर्ख होती है, ऐसे ही उठपटांग कदम उठाए जाएंगे। वैसे राजगद्दी पर बैठता तो इंसान ही है और उसे बिठाने वाला भी इंसान ही होता है पर कुर्सी पर बैठते ही इनकी मति घास चरने लगती है। आपके द्वारा लिखे चंद शद्बों में करारा व्यंग्य है।

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  3. आभार उपासना जी .... :)

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  4. This comment has been removed by the author.

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  5. जी शिंदे जी ... सच में बहुत कड़वाहट है ....और खुद पर गुस्सा ...पश्चिम बंगाल में जब CPM को हटा कर जनता ने सियासत की बागडोर TRINAMOOL के हाथों थमाई तो उसके साथ बहुत सारी उम्मीदें बंधी हुईं थी …और अब जो हाल है राज्य का उससे तो उपरवाला ही बचाए...
    बहुत आभार आपका SITE JOIN करने के लिए
    सादर

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  6. शायद ऐसे मदारी वाले काम न करें ये सरकारें तो चर्चा मैं कैसे रहें ...

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  7. क्या बात , बहुत अच्छा व्यंग्य है

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  8. अच्छा व्यंग्य है ....वाह ...!!!

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