Friday, February 08, 2013

SAMAY......... / समय.........

Kabhi kam padh jata hai
Kabhi rahta hi nahin hai
Kabhi dikhta nahin hai
Kabhi bah jata hai
Kabhi dariya, kabhi saahil hai

Kabhi bhavishya, kabhi beet gaya
Kabhi aaj, kabhi pal bhar ka
Kabhi apna, kabhi paraya
Kabhi vaastav, kabhi maya
Kabhi mook, kabhi nagma

Samay....aur kaun !!
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कभी कम पड़ जाता है
कभी रहता ही नहीं है
कभी दिखता नहीं है
कभी बह जाता है
कभी दरिया,कभी साहिल है

कभी भविष्य, कभी बीत गया
कभी आज, कभी पल भर का
कभी अपना, कभी पराया
कभी वास्तव, कभी माया
कभी मूक, कभी नग्मा

समय.... और कौन !!

4 comments:


  1. दिनांक 10/02/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  2. सच्ची परिभाषा समय की. सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  3. भावो को शब्दों में उतार दिया आपने.................

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