Monday, September 03, 2012

KABHI KABHI MERE DIL MEIN ....../ कभी कभी मेरे दिल में ..........

Meri zindagi hai , is par kewal mera adhikaar hai , kahna bahut asaan hai magar vastavikta kuchh aur hi hai

मेरी ज़िंदगी है , इस पर केवल मेरा अधिकार है , कहना बहुत आसान है मगर वास्तविकता कुछ और ही  है
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Zanjeer achchi hai , agar wo mohabbat ki hai to

ज़ंजीर अच्छी है, अगर वो मोहब्बत की है तो
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Dil mein jo hai zahir karna zaruri to nahin
jazbaat to chandan jaise hain,khushbu chhupegi nahin

दिल में जो है ज़ाहिर करना ज़रूरी तो नहीं
जज़्बात तो चंदन जैसे हैं,ख़ुशबू छुपेगी नहीं
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Changul mein fasna achcha hai, agar woh insaniyat ka ho to

चंगुल में फँसना अच्छा है, अगर वो इंसानियत का हो तो
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Ab itna bhi mat saho ki zulm karne wala khud ko bhagwaan samajhne lage

अब इतना भी मत सहो कि ज़ुल्म करने वाला खुद को भगवान समझने लगे
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Dosti khatm hote hi kya dost dushman ban jata hai?

दोस्ती ख़त्म होते ही क्या दोस्त दुश्मन बन जाता है?
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Purane bartan, fate purane kapde, ek chhoti si khali botal itra ki, ek purani diary, koi purani kitaab, baramde ke kone mein padhi purani kursi, ek purana dupatta -----sirf purani cheezein hoti hain kya? mere khayal se agar gaur se dekha jaye to har cheez ki apni ek kahani hoti hai

पुराने बर्तन, फटे पुराने कपड़े, एक छोटी-सी खाली बोतल इत्र की , एक पुरानी डायरी, कोई पुरानी किताब, बरामदे के कोने में पड़ी पुरानी कुर्सी, एक पुराना दुपट्टा -----सिर्फ पुरानी चीजें होती हैं क्या? मेरे खयाल से अगर गौर से देखा जाये तो हर चीज़ की  अपनी एक कहानी होती है

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Tum ho to main hoon,aur tumhara 'tum' bhi sirf 'tum' se nahin hai.aaj main bhi us 'tum' ka hissa hoon. Tum hanste ho to mera dil bhi muskurata hai..... pirota hai chupchap un palon ko ik mala mein......Tumhari udaasi mere dil ko bhi tadpati hai......Zara koshish to karo....thoda dhoondho.....mil jayenge kuchh badmash moti us daraj mein, tumhare filon mein ...aur kuchh namkeen boondein tumhare cigarette ke un tukdon ke paas....... 

तुम हो तो मैं हूँ,और तुम्हारा 'तुम' भी सिर्फ 'तुम' से नहीं है.आज मैं भी उस 'तुम' का हिस्सा हूँ. तुम हँसते हो तो मेरा दिल भी मुस्कुराता है..... पिरोता है चुपचाप उन पलों को इक माला में......तुम्हारी उदासी मेरे दिल को भी तड़पाती है......ज़रा कोशिश तो करो....थोड़ा ढूँढो.....मिल जायेंगे कुछ बदमाश मोती उस दराज में, तुम्हारे फाइलों में ...और कुछ नमकीन बूँदें तुम्हारे सिगरेट के उन टुकड़ों के पास.......

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Raston ki fitrat pahchan li hoti to manzil tak pahunchna asaan ho jata..........

रास्तों की फि़तरत पहचान ली होती तो मंज़िल तक पहुँचना आसान हो जाता..........


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